मुद्रा गुलाबी...स्याही काली

(1)
बैंक में नोट बदलने वाले...! जा....तेरी उंगली 'काली'
(2)
सुन ले भाई...! नोटबंदी से बैंकों के पास बहुत पैसा आ गया है. ख़बरदार...! अब कोई भी डिफॉल्टर बचने न पाए, कर्ज माफ़ी से.
(3)
सरकार भी मजे ले रही है. अफरातफरी में पहले तो बंदों से ऊंचे रेट पे पेट्रोल-डीजल फुल भरवा लिया. जब टंकियां फुल हो गईं, तो अब तेल सस्ता हो गया. ई तो 'खेल' हो गया जनाब!
मुद्रा गुलाबी...स्याही काली
Reviewed by Manu Panwar
on
November 16, 2016
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