हे पार्थ ! लिस्ट बनाओ
मनु पंवार
हे
पार्थ! ये तीर-धनुष साइड रखो। युद्ध-वुद्ध छोड़ो। तुम लिस्ट बनाओ।
हे
भगवन! लेकिन मैं लिस्ट क्यों बनाऊं? लिस्ट बनाने में जुट जाऊंगा तो
महाभारत कैसे लड़ूंगा?
हे
पार्थ! तुम महाभारत की छोड़ो। मौजूदा भारत की सोचो। तुम फौरन लिस्ट बनाओ।
हे
भगवन! लिस्ट तो भारत में बन ही रही हैं। और धड़ल्ले से जारी
हो भी रही हैं। पहले हुकुम सिंह ने कैराना की लिस्ट जारी की। फिर एक और लिस्ट लेकर ‘हिंदू
हृदय सम्राट’ संगीत
सोम उतर पड़े। इधर, ‘इंद्रप्रस्थ’ के राजा केजरीवाल ने भी ‘मोदी के चमचे’ बताकर ट्विटर
पर एक लिस्ट जारी कर दी। और कितनी लिस्ट चाहिए हे भगवन?
हे
पार्थ! तुम्हारे भेजे में बात घुस नहीं रही है। सबसे पहले ये तीर-धनुष
परे धरो। लिस्ट बनाओ। बिना लिस्ट बनाए अब किसी भी महाभारत में विजय मुमकिन नहीं है।
लेकिन
हे भगवन! कुछ हिन्ट तो दो। कैसी लिस्ट बनाऊं? जैसी हुकुम
सिंह या संगीत सोम ने बनाई या जैसे अपने केजरीवाल ने?
हे
पार्थ! तुम बहुत भोले हो। ऐसे भोलेपन से युद्ध नहीं जीते जाते।
जरा स्वामी को देखो। वो बंदा अपने टारगेटों की लिस्ट हर वक्त जेब में लिए घूमता है। रोज़ नई लिस्ट जारी कर रहा है। उस बंदे की लिस्ट
का एक-एक बंदा मूर्च्छित पड़ा हुआ है। शत्रु की
मूर्च्छा भी एक तरह की विजय है। यह युद्ध का
सबसे सेफ रूट है। इसमें रक्तपात की नौबत भी नहीं आती।
पार्थ के भेजे में बात घुस गई है। फिलहाल धनुष साइड में रख दिया
गया है। पार्थ ने तीर-कमान की जगह कलम हाथ में ले ली है। लिस्ट बनाने का काम
जारी है। ये नए दौर का महाभारत है। यहां पार्थ के सामने ऐसी दुविधा भी
नहीं है कि सामने तातश्री खड़े हैं या भ्राताश्री...
हे पार्थ ! लिस्ट बनाओ
Reviewed by Manu Panwar
on
July 16, 2016
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