प्रदूषण घटा कि खर-दूषण ?

मनु पंवार
हो न हो इस प्रदूषण का उन खर-दूषण से जरूर कोई न कोई वास्ता होगा। हो सकता है कि प्रदूषण और खर-दूषण किसी जमाने में कुंभ मेले में बिछड़ गए हों। अब कौन नहीं जानता कि खर-दूषण लंकापति रावण के सौतेले भाई थे। दोनों साथ ही चलते थे। उस जमाने में ऑड-ईवन तो था नहीं कि एक दिन खर चलता और अगले दिन दूषण। वो एक-दूजे के लिए सम (ईवन) थे, लेकिन बाकियों के लिए विषम अर्थात् ऑड। इसीलिए जब सूर्पणखा की नाक कट गई तो उन्होंने सीधे राम-लक्ष्मण से पंगा ले लिया। ये भी नहीं पूछा कि गलती किसकी थी। 

 ऐसा अक्सर हम दिल्ली की सड़कों पर देखते हैं। किसी की गाड़ी अगर दूसरे से हल्के से टच भी हो गई तो पिटने-पीटने की नौबत आ जाती है। सामने वाले पर अच्छी तरह से हाथ साफ कर लेने के बाद पता चलता है कि जिस बंदे को पीटा गया, गलती उसकी नहीं, अपनी ही थी। 

इधर, प्रदूषण और खर-दूषण का आपसी कनेक्शन खोजने के लिए यह सबसे अनुकूल समय है। गणेशजी का सिर और धड़ जोड़ने को जिन्होंने पहली प्लास्टिक सर्जरी करार दिया था, अब उन्हीं की सरकार है। वैसे उनकी इस दलील में दम होता तो उस समय के सबसे पराक्रमी, सबसे धनी राजा रावण को उस ज़माने में अपनी बहन सूर्पणखा की नाक की प्लास्टिक सर्जरी करवा लेनी चाहिए थी। ख़ैर, सूर्पणखा की नाक बीच में नहीं आती तो रामायण कैसे आगे बढ़ती? रामलीला में खर-दूषण की एंट्री भी तो तभी होती है जब नाक कट जाती है। उन्होंने सूर्पणखा की नाक को अपनी नाक का सवाल बना लिया।  

लेकिन प्रदूषण को नाक की परवाह नहीं। लोग भी प्रदूषण से नाक-भौं जरूर सिकोड़ते हैं, लेकिन नाक का सवाल नहीं बनाते। वरना खर-दूषण की तरह अब तक प्रदूषण भी कभी का निपट गया होता। फिर प्रदूषण से निपटने के नाम पर केजरीवाल ऑड-ईवन का झंडा उठाए न घूमते। हालांकि ऐसा लग रहा है कि प्रदूषण खत्म करने के चक्कर में केजरीवाल ने कई खर-दूषण पैदा कर दिए हैं।


दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए ऑड-ईवन लागू किया गया था            प्रतीकात्माक फोटो सौजन्य- Google
लेकिन एक बात तो है केजरीवाल में। इस बंदे को जी खाली बैठना पसंद नहीं। अब देखिए न, ऑड-ईवन निपटते ही केजरीवाल प्रधानमंत्री की मार्कशीट के पीछे पड़ गए। सरकार से पूछ लिया की पंत प्रधान की डिग्री बताओ। वो तो गनीमत है कि मोदी साहब प्रथम श्रेणी में पास निकले। सोचिए, अगर सेकेंड डिवीजन भी पाई जाती तो बड़ी मुश्किल हो जाती। तब केजरीवाल साहब पूछ बैठते कि सेकेंड डिवीजन वाले भला देश को कैसे नंबर वन बनाएंगे?

प्रदूषण घटा कि खर-दूषण ? प्रदूषण घटा कि खर-दूषण ? Reviewed by Manu Panwar on July 16, 2016 Rating: 5

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