राजनीति का 'सीडी' काल
मनु पंवार
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केजरीवाल सरकार के मंत्री संदीप कुमार को सीडी कांड के बाद हटाया गया |
चेला- हे गुरुवर, ये सीडी क्या चीज़ है?
गुरु- बेटा, सीडी एक तरह का चक्का है। जिसके चक्कर में बड़ी-बड़ी हस्तियां बर्बाद हो जाती हैं। इसकी कई मिसालें हैं। इसके ताज़ा शिकार केजरीवाल सरकार के महिला बाल विकास मंत्री संदीप कुमार हुए हैं, जिनको सीडी ने अर्श से फर्श पर लाकर पटक दिया।
चेला- गुरु जी...! सीडी कब-कब जारी होती है? अर्थात् इसके लिए क्या कोई ख़ास मुहूर्त होता है?
गुरु - बेटा, राजनीति में जब-जब शत्रुपक्ष हावी होता दिखता है, तो अक्सर सीडी जारी हो जाया करती है। इसके अलावा जब-जब सरकारें संकट में घिरती हैं तो सीडी के रिलीज़ होने के लिए मौसम ज़्यादा अनुकूल हो जाता है।
गुरु - बेटा, राजनीति में जब-जब शत्रुपक्ष हावी होता दिखता है, तो अक्सर सीडी जारी हो जाया करती है। इसके अलावा जब-जब सरकारें संकट में घिरती हैं तो सीडी के रिलीज़ होने के लिए मौसम ज़्यादा अनुकूल हो जाता है।
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केजरीवाल के मंत्री का सीडी कांड अखबारों की सुर्खी बना |
चेला- हे गुरुश्रेष्ठ..! सीडी को कौन जारी करता है?
गुरु- बेटा, इसका अक्सर प्रोड्यूसर अदृश्य होता है, लेकिन बॉलीवुड की फ़िल्म ‘मिस्टर इंडिया’ के नायक की तरह आप उसे एक खास चश्मे से देख सकते हैं। कई बार सीडी ऐसे लोग भी जारी कर डालते हैं जो आते तो सियासत की ‘एबीसीडी’ सीखने हैं, लेकिन सिर्फ ‘सीडी’ के बारे में ही जान और सीख पाते हैं।
चेला- गुरुवर, सीडी के फायदे क्या हैं?
गुरु- बेटा, राजनीति में सीडी आत्मसुख की सबसे बेहतर दवा मानी जाती है। सीडी जारी करके आप विरोधियों का जीना हराम कर सकते हैं।
चेला- हे गुरुश्रेष्ठ! सीडी का मूल्य क्या होता है?
गुरु- वत्स, सीडी आम तौर पर मार्केट में सस्ती दरों पर उपलब्ध हो जाया करती है। लेकिन जब सीडी के भीतर कुछ खास तरह के राजनीतिक और चारित्रिक तत्व समाहित हों अर्थात् उसे किसी ख़ास मकसद से तैयार और जारी किया जा रहा हो, तो सीडी अनमोल हो जाती है। वह उस दौरान दुर्लभ चीजों की श्रेणी में आ जाती है। ऐसी सीडी के जरिये प्राय: टीवी चैनलों को ‘भेज देने’ की धमकी के साथ ब्लैकमेलिंग का रास्ता बनता हैं। कई दफा ऐसी सीडी चैनलों के दफ्तरों में पहुंचा भी दी जाती हैं। अगर उस सीडी में कुछ ‘दर्शनीय’ तत्व हों तो अक्सर चैनलों के पराक्रमी लोग उसे डाउनलोड करके अपने-अपने मोबाइल फोन में सुरक्षित कर लेते हैं ताकि समय-समय पर उसमें निहित तत्व का ‘रस’ ले सकें। इस तरह सीडी दुर्लभ से सुलभ की ओर गमन करने लगती है और कई लोगों के लिए आनंद का विषय बन जाती है।
चेला- तो गुरुवर, क्या सीडी के नुकसान भी होते हैं?
गुरु- बेटा, अगर आपकी खुद की सीडी जारी हो गई, तो आपकी नींद उड़ जाएगी। आपका करियर तबाह हो सकता है और आपके चरित्र की थू-थू होने लगती है। सीडी दुधारी तलवार है। आगे की ओर चलाया, तो सामने वाला लहूलुहान, मगर अगर उल्टा चल गया, तो अपनी मौत तय मानिए।
राजनीति का 'सीडी' काल
Reviewed by Manu Panwar
on
September 01, 2016
Rating:

Bahut sundar manu bhai
ReplyDeleteशुक्रिया नौडियाल जी...आते रहिएगा ब्लॉग पर
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