सुबह का भूला...

सीवान की कोर्ट में सरेंडर के दौरान शहाबुद्दीन की एक मुद्रा
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बिहार का कुख्यात डॉन मोहम्मद शहाबुद्दीन 10 सितंबर को जेल से छूटा और 30 सितंबर को उसे फिर जेल भेज दिया गया. सुबह का भूला शाम को घर लौट आए तो उसे भूला नहीं कहते.
(2)
नीतीश कुमार के महत्वाकांक्षी शराबबंदी कानून को पटना हाईकोर्ट ने ग़ैर कानूनी ठहरा दिया। उसी दिन लालू यादव के लाडले गैंग्सटर मोहम्मद शहाबुद्दीन की ज़मानत सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी। ये तो लालू और नीतीश का एक ही दिन में 'हिरोशिमा' और 'नागासाकी' हो गया।

(3)
डॉन मोहम्मद शहाबुद्दीन ने जेल से निकलते ही दहाड़ मारी थी-"नीतीश कुमार तो परिस्थितियों के सीएम हैं।" लेकिन शहाबुद्दीन के नेता लालू तो पहले ही कर चुके थे- "नीतीश हमारे सीएम हैं।" इसका मतलब लालू ही 'परिस्थिति' हैं।


सुबह का भूला... सुबह का भूला... Reviewed by Manu Panwar on October 01, 2016 Rating: 5

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