जिनकी जुबां पे नमक इश्क का...

(1)
इन दिनों आम आदमी की टेंशन देखिए. वो पुराने नोट बदलवाने बैंक की लाइन पर लगे, पैसा निकालने एटीएम की लाइन पर लगे कि अचानक 'लापता' हुए नमक को ढूंढने निकले!

(2)
लगता है नमक ग़ायब होने की अफवाह फैलाने वालों ने टाटा का नमक नहीं खाया. सुना नहीं है...? टाटा नमक, देश का नमक. देशद्रोही कहीं के !

(3)
इस दुनिया में सिर्फ़ गुलज़ार साहब ही एक ऐसे बंदे हैं, जिन्हें नमक की ज़रूरत नहीं है। अरे भई; वो तो पहले ही लिख चुके हैं- 'जुबां पे लागा...लागा रे...नमक इश्क का...'
जिनकी जुबां पे नमक इश्क का... जिनकी जुबां पे नमक इश्क का... Reviewed by Manu Panwar on November 12, 2016 Rating: 5

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