हे संन्यासी..! तुम कब लौटोगे?
मनु पंवार
यह बहस बड़ी पुरानी है कि गृहस्थ बड़ा है कि संन्यास? कई बंदे गृहस्थ होते हुए संन्यासी हो जाते हैं, तो कई संन्यासी ऐसे भी होते हैं जोकि संन्यासी होते-होते गृहस्थ की गति को प्राप्त हो जाते हैं. अपने यहां राजनीति में इसका खूब चलन है. क्रिकेट में भी संन्यास इस दूसरी किस्म की अवस्था से जुड़ा हुआ है. इस खेल की चमक ही ऐसी है जी...। शरीर भले ही समर्थन वापस लेकर हमारी सरकार गिराने पर आमादा हो, मगर बावरा मन संन्यासी हो जाने को आसानी से तैयार ही नहीं हो पाता. जिगर में कई टन के पत्थर रखकर भारी मन से संन्यास की घोषणा करनी पड़ती है.
कई मौके तो ऐसे भी आए हैं कि जब क्रिकेट बोर्ड वालों ने खिलाड़ी को धक्के मार-मार कर संन्यासी बना दिया. यह कहकर कि भाई तू जा...अब तुझसे न हो पाएगा. ऐसे कई नामी क्रिकेटरों के नाम आप जानते ही होंगे, जिन्हें खुद की मर्ज़ी से नहीं, बल्कि क्रिकेट बोर्ड के सौजन्य से संन्यासी का चोला धारण करना पड़ा. अर्थात् गृहस्थ से संन्यास की ओर जबरन धकेल दिए गए. वो तो धोनी चतुर निकले, वरना वो भी जबरन संन्यासी बना दिए गए होते.
कई मौके तो ऐसे भी आए हैं कि जब क्रिकेट बोर्ड वालों ने खिलाड़ी को धक्के मार-मार कर संन्यासी बना दिया. यह कहकर कि भाई तू जा...अब तुझसे न हो पाएगा. ऐसे कई नामी क्रिकेटरों के नाम आप जानते ही होंगे, जिन्हें खुद की मर्ज़ी से नहीं, बल्कि क्रिकेट बोर्ड के सौजन्य से संन्यासी का चोला धारण करना पड़ा. अर्थात् गृहस्थ से संन्यास की ओर जबरन धकेल दिए गए. वो तो धोनी चतुर निकले, वरना वो भी जबरन संन्यासी बना दिए गए होते.
लेकिन पाकिस्तान के विस्फोटक क्रिकेट खिलाड़ी शाहिद अफरीदी का किस्सा ही कुछ दूसरा है. अफरीदी ने आज क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी. अब आप कह सकते हैं कि इसमें कौन सी नई बात है? अफरीदी अब तक इतनी बार संन्यास ले चुके हैं कि कसम से..., अब तो संन्यास शब्द और ऐसे 'संन्यासियों' से विश्वास ही उठ गया है. बंदा कब संन्यास ले ले और कब गृहस्थ में लौट जाए. फिर कब गृहस्थ को छोड़कर संन्यासी बन जाए, पता ही नहीं चलता जी. कई बार तो ऐसा लगता है कि शाहिद अफरीदी ने क्रिकेट में पदार्पण बाद में किया होगा, पहले संन्यास ले चुके होंगे.
असल में अफरीदी की संन्यास लेने की घोषणा में एक खतरा हमेशा बना रहता है. वो जब-जब संन्यास लेते हैं, उसके बाद चार-पांच साल तक उनका और खेलना पक्का हो जाता है. इस बार पाकिस्तान सुपर लीग के मैच के बाद अफ़रीदी ने संन्यास का एलान कर दिया. मगर साथ में संन्यास से गृहस्थ जीवन (क्रिकेट) में वापस लौटने के संकेत भी दे गए. उन्होंने कहा, ''मैं अपने प्रशंसकों के लिए खेल रहा हूं और दो साल और ये लीग खेलता रहूंगा." बताइए....ये कैसा संन्यास है जिसमें संन्यासी 'गृहस्थ' भी है और 'संन्यासी' भी?
हे संन्यासी..! तुम कब लौटोगे?
Reviewed by Manu Panwar
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February 20, 2017
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