आंखों से नोट गिन लेने की कला

मनु पंवार

अंखियों से गोली मारने और अंखियों से शिकार करने के किस्से हमने फिल्मी गीतों या शेरो-शायरी में बहुत सुने हैं। मगर आंखों से नोट गिन लेने का किस्सा आज तक न सुना, न देखा। इसलिए दुनियावालों को आम आदमी पार्टी से निकाले गए कपिल मिश्रा का शुक्रगुजार होना चाहिए कि जिन्होंने इस कला से परिचय कराया। केजरीवाल सरकार के कैबिनेट में रहे कपिल मिश्रा ने जब से यह आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी आंखों से केजरीवाल को दो करोड़ रुपये लेते हुए देखा, तब से तो बैंकों में उनकी भारी डिमांड बढ़ जाना चाहिए। वो दिन दूर नहीं जब मिश्रा का अप्वॉइंटमेंट लेने की बैंकों में मारामारी मच जाएगी। ऐसी मारामारी जैसी कि हमने नोटबंदी के वक्त भी नहीं देखी थी। इस कला को देखते हुए तो हर कोई उन्हें अपना बनाना चाहेगा।

मिश्रा के इस हुनर से आम जनता ही नहीं, सरकार भी हतप्रभ है। ऐसा बंदा आज तक न देखा जो दूसरे के हाथों में नोटों की गड्डी को अपनी आंखों से तुरंत स्कैन कर ले और कुल रकम भी बता दे। ये तो चमत्कार है जी।
ऐसी अद्भुत, अकल्पनीय और अविश्वसनीय घटना के बाद सरकार भी रोमांचित है। मुझे तो कुछ गप्पबाज़ सूत्रों से पता चला है कि एक आपात बैठक बुलाकर सरकार ने कपिल मिश्रा की आंखों का टेस्ट कराने का फैसला किया है, ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं उन्होंने अपनी आंखों में नोट गिनने की मशीन तो फिट नहीं की हुई है? अगर मिश्रा की आंखों की पुतलियों में कहीं नोट गिनने की पोर्टेबल मशीन सचमुच में मिल गई, तो यह साइंस की अब तक की सबसे बड़ी खोज मानी जाएगी। हमारा डंका दुनिया में बजेगा। इससे हमें 'विश्वगुरु' बनने से कोई नहीं रोक सकता।

कुछ अविश्वसनीय सूत्रों से तो यह भी पता चला है कि भारतीय रिज़र्व बैंक में भी मिश्रा के इस हुनर से बेहद उत्साह का माहौल दिख रहा है। रिजर्व बैंक के एक भेदिया ने 'बात का बतंगड़'  के रिपोर्टर के कान में बताया कि अगर देश में कपिल मिश्रा जैसे हुनरमंद लोग और मिल जाएं तो रिजर्व बैंक देश के सारे बैंकों से नोट गिनने वाली मशीनों को चरणबद्ध तरीके से विड्रॉ कर लेगा। मशीनों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। वैसे भी इंसानों के आगे मशीनों का क्या भरोसा? अविश्वसनीय सूत्र के मुताबिक रिजर्व बैंक ने प्लान किया है कि ऐसे 'हुनरमंद आंखवालों' को नोट गिनने के लिए आकर्षक ऑफर भी दिए जाएंगे।

हालांकि यह साफ नहीं हो पाया है कि कपिल मिश्रा की आंखों ने जो देखा वो पूरे दो करोड़ रुपये ही थे या नहीं। ज्यादा भी हो सकते हैं, कम भी हो सकते हैं। दो करोड़ ही क्यों? यह भी पता नहीं चल पाया है कि कितने नोटों में 'सोनम गुप्ता बेवफा है'  लिखा हुआ मिला। खैर, इससे अपने को क्या लेना-देना? 

इस बीच, 'अंखियों से गोली मारे' फिल्म बनाने वाले और गीत लिखने वाले ने 'बात का बतंगड़' संवाददाता को मिस्ड कॉल देते हुए यह जानकारी दी कि उन्होंने अंखियों के ऐसे हुनरमंद नेता की कल्पना पहले ही कर ली थी। उन्हें पता था कि एक न एक दिन ऐसा अवतार जरूर होगा। इसीलिए उन्होंने फिल्म बनाई। खैर, जितने मुंह उतनी बातें। कोई बड़ा चमत्कार होता है तो बंदे न जाने कहां कहां से क्रेडिट लेने पहुंच जाते हैं।

इस बीच, बीजेपी ने कहा है कि केजरीवाल को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। वो तो ठीक है मगर पहले यह तो बताओ की नैतिकता का आधार (कार्ड) कब से बनने लगा? 'बात का बतंगड़' संवाददाता ने आखिर नैतिकता को ढूंढ निकाला। लेकिन उसने दरवाजे की चिटखनी खोलकर झिड़क दिया। बोली- चल फिट्टे मुंह..! पॉलीटिक्स में मेरा का क्या काम?

केजरीवाल पर आरोप लगने के बाद रालेगण सिद्धि के महान 'संत' भी प्रफुल्लित नज़र आ रहे हैं। टीवी कैमरों के सामने आकर वो महान संत बोले कि मुझे इसका बड़ा दुख है, लेकिन टीवी पर देखकर साफ पता चल रहा था कि इस 'दुख' की बात वो बड़े मुस्कुराकर कर रहे थे। ऐसा 'मुस्कुराता दुख' भी आज तक न देखा न सुना। वैसे अन्ना हजारे को इस बात का शुक्रगुजार होना चाहिए कि केजरीवाल के चक्कर में उन्हें समय-समय पर टीवी पर आने का मौका मिलता रहता है।

वैसे केजरीवाल को कपिल मिश्रा का धन्यवाद भी करना चाहिए कि 'हिट एंड रन' की जो राजनीतिक शैली उन्होंने ईजाद की थी, उसे उनके चेले ने और आगे बढ़ाया। हर गुरु को ऐसे चेले पर फख्र होना चाहिए। अब वक्त का तकाजा यही कहता है कि केजरीवाल साहब को फौरन विपश्यना पर चले जाना चाहिए।

लिंक:  अपना यह व्यंग्य 'दैनिक ट्रिब्यू्न' अख़बार के संपादकीय पेज पर प्रकाशित हुआ है
आंखों से नोट गिन लेने की कला आंखों से नोट गिन लेने की कला Reviewed by Manu Panwar on May 08, 2017 Rating: 5

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