चोटी के खतरे
मनु पंवार
चोटी पर होना बहुत बड़ी बात होती है। हम जब सुनते हैं कि फलां बंदा चोटी का खिलाड़ी है या चोटी का पत्रकार है तो उसके प्रति बड़ा सम्मान का भाव जगता है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से उत्तर भारत के चार राज्यों में 'चोटी' ख़तरे में है। चोटी काटने की घटनाएं रहस्यमयी तरीक़े से बढ़ रही हैं। चोटी को बचाने के लिए लोग टोटके कर रहे हैं। अब तो डर इतना ज़्यादा लग रहा है कि किसी की तारीफ में यह भी नहीं कह सकते कि आप चोटी के पत्रकार हैं।
चोटी पर होना बहुत बड़ी बात होती है। हम जब सुनते हैं कि फलां बंदा चोटी का खिलाड़ी है या चोटी का पत्रकार है तो उसके प्रति बड़ा सम्मान का भाव जगता है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से उत्तर भारत के चार राज्यों में 'चोटी' ख़तरे में है। चोटी काटने की घटनाएं रहस्यमयी तरीक़े से बढ़ रही हैं। चोटी को बचाने के लिए लोग टोटके कर रहे हैं। अब तो डर इतना ज़्यादा लग रहा है कि किसी की तारीफ में यह भी नहीं कह सकते कि आप चोटी के पत्रकार हैं।
ये चोटी कटुआ है कौन, ये बड़ा रहस्य है। लेकिन फिल्म सेंसर बोर्ड के चीफ पहलाज निहलाणी ने जैसे नवाजुद्दीन सिद्दीकी की नई फिल्म पर 45 कट लगा डाले हैं, उससे मुझे शक है कि कहीं इस चोटी काटने के पीछे उनका हाथ न हो। वैसे चोटी काटने की घटनाओं से बचने के लिए लोग भी अजब-गजब के टोटके कर रहे हैं। कई घरों के दरवाजे पर नींबू-मिर्च लटका दी गई है। इस 'चोटी काल' में जिस हिसाब से नींबू-मिर्च की डिमांड बढ़ रही है, मुझे अंदेशा है कहीं सरकार नींबू-मिर्च पर जीएसटी न लगाने लगे।
चोटी के खतरे
Reviewed by Manu Panwar
on
August 03, 2017
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Thanks in support of sharing such a good idea, piece
ReplyDeleteof writing is nice, thats why i have read it completely