रंग दे तू मोहे गेरुआ...

मनु पंवार

यूपी के हज हाउस को गेरुआ रंग में रंग दिया गया                     फोटो साभार: ANI
राजनीति कोई हिलियम गैस तो है नहीं कि वो रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन हो। अब तो राजनीति में कई-कई रंग हैं। एक से बढ़कर एक चटख रंग। फिर भी न जाने क्यों नेताओं को लोग बदनाम कर देते हैं कि वो गिरगिट की तरह रंग बदल देते हैं। अरे भई, जब गिरगिट में रंग बदलने की क्षमता है, तभी तो वो बदलता भी है। जो बेरंग होगा, वो क्या खाक रंग बदलेगा। इसलिए अगर लखनऊ स्थित हज हाउस की बाहरी दीवारों पर हरे और सफेद की जगह गेरुआ रंग चढ़ गया तो इत्ता हो हल्ला क्यों?

अब देखिए न, कई लोग कहते सुने जा रहे हैं कि योगीजी ने यूपी में सरकार के कामकाज का ढंग बदल दिया है। अरे भई, हमें तो यह भी दिखाई दे रहा है कि योगीजी ने राजनीति का रंग भी बदल दिया है। यकीन न हो तो दाहिनी तरफ वाली तस्वीर ही देख लीजिए। योगीजी ने बतौर सीएम 30 मार्च को पहली बार यूपी की विधानसभा को संबोधित किया।

योगी जी तो संन्यासी के लिबास में ही थे। यानी गेरुआ वस्त्रों में, मगर उनके इर्द-गिर्द जो बीजेपी के विधायक और मंत्री गण बैठे थे, उन पर भी योगी जी का रंग चढ़ गया। वो भी मौसम का मिजाज देखकर गेरुआ हो लिए। मानना पड़ेगा। नेताओं में रंग के निहितार्थ समझने की क्षमता बहुत तगड़ी होती है।

अब कोई कह सकता है कि विधानसभा में सीएम के पिछवाड़े वाली सीट पर बैठे यूपी के खेल मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान को भला गेरुआ पहनने की क्या ज़रूरत पड़ी? उन्हें तो कुछ स्पोर्टी लुक में होना चाहिए था। मगर जब चहुं ओर सत्ता पर गेरुआ रंग हावी हो तो एक चौहान ही भला क्यों चूकें? जैसे मुखिया जी का रंग, वैसे अपना रंग। तो नेताओं को दाद दीजिए कि उन्हें रंगों की अच्छी समझ है। कब,किसके रंग में रंगना है, राजनीति में लोग इसका अच्छी तरह भांप लेते हैं। हम पहले ही कह चुके हैं कि राजनीति कोई हिलियम गैस तो है नहीं कि वो रंगहीन हो।
29 मार्च को सीएम योगी नेलखनऊ में अपने गृह प्रवेश पर बीजेपी विधायकों को गेरुआ शॉल भेंट की

वैसे ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि यूपी में सत्ता का रंग बदला है। बहनजी के ज़माने में नीले रंग का राज था, तो समाजवादियों के जमाने में लाल और हरे रंग की चमक दिखती थी। राजनीति में मोदी और योगी का सूरज ऐसा चमका कि बहनजी और समाजवादियों दोनों का रंग उड़ गया। अब तो योगी जी के राज में हर कोई गाता फिर रहा है- रंग दे तो मोहे गुरुआ....।
रंग दे तू मोहे गेरुआ... रंग दे तू मोहे गेरुआ... Reviewed by Manu Panwar on January 06, 2018 Rating: 5

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