हैंडपंप लगाना पुण्य का काम है या उखाड़ना?
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बॉलीवुड फिल्म 'गदर: एक प्रेम कथा 'में हैंडपंप उखाड़ने का बहुचर्चित दृश्य |
हैण्डपंप लगाना हमारे देश में बड़ा पुण्य का काम माना जाता है. कई बंदे तो इतना सा काम करके ही विधायक और मंत्री तक बन जाते हैं. लेकिन अब हैंडपंप लगाने वालों का नहीं, उखाड़ने वालों का टाइम आ गया है. अपने सनी पाजी मल्लब सनी देओल को ही देख लो. फिल्म 'गदर' में उनका पाकिस्तान जाकर वहां हैण्डपंप उखाड़ लेना राष्ट्रवाद का सबसे बड़ा प्रतीक बन गया. 'दुश्मन देश' में एक अकेले बंदे ने वो कर दिखाया कर दिखाया, जो सिनेमाई कल्पनाओं के इतर सोचा भी नहीं जा सकता.
पर्दे की उसी छवि के दम पर सनी पाजी को भारतीय जनता पार्टी ने ऐन लोकसभा चुनावों के बीच अपना बना लिया. उन्हें भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर गुरदासपुर में 'तैनात' किया गया है. मुझे अंदेशा है कि इसके बाद कहीं पाकिस्तान में ये ऐलान न होने लगे कि यार, अपने परमाणु बम तो सलामत हैं लेकिन अपने-अपने हैण्डपंप बचा लो रे.
अभिनेता सनी देओल आज बीजेपी में शामिल हो गए |
अपने यहां हीरो चाहे वो फ्लॉप भी हो जाए, लेकिन लोगों के ज़ेहन में हीरो जो है वो हीरो ही रहता है. भले ही इस बार को करीब 18 साल हो गए हों लेकिन दर्शक भूले नहीं हैं कि पाकिस्तान में 'घुसकर' हैण्डपंप वाली 'सर्जिकल स्ट्राइक' करने वाले सनी देओल पहले भारतीय हैं.
हालांकि कुछ खुराफाती सूत्र यह भी कह रहे हैं कि सनी देओल को पार्टी में शामिल करना बीजेपी का एक बड़ा ही चतुराई भरा फैसला है. अब भविष्य में 'राम मंदिर' को लेकर कोई उस पर ये तंज कसके ये नहीं कह पाएगा कि 'तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख...' !.
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हैंडपंप लगाना पुण्य का काम है या उखाड़ना?
Reviewed by Manu Panwar
on
April 23, 2019
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