एक योगी का गृह प्रवेश!

मनु पंवार

20 मार्च को सीएम के सरकारी आवास के गेट पर हल्दी से 'स्वास्तिक' और 'ऊँ' बनाया गया
अब तक तो सुना यह था कि जो संन्यासी होता है वो अपने घर-गृहस्थी को त्याग देता है। लेकिन जो सुना था, यह ज़रूरी भी नहीं है कि वैसा ही हो। अब देखिए न, गोरखपुर वाले योगी जी लखनऊ में 5-कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री के बंगले में रहने चले गए. वैसे योगी आदित्यनाथ जी लकी हैं कि लखनऊ में फटाफट उनका 'गृह प्रवेश' भी हो गया। वरना उन्हीं के राज्य में नोएडा, गाज़ियाबाद में तो लाखों लोगों को बरसों से अपने घर का 'पजेशन' भी न मिल पाया।

इस बीच, ख़बर आई है कि योगी जी अपने सरकारी बंगले के जिस कमरे में रहेंगे, वहां लकड़ी के तख्त रखवा दिए गए हैं. वैसे तख्त और ताज़ के एक साथ होने के ख़तरे भी कम नहीं हैं। तख्त और ताज के अंतर्संबंध पर एक नारा भी न जाने कब से चल रहा है, तख्त बदल दो ताज बदल दो...

योगी आदित्यनाथ ने आज लोकसभा में बतौर सांसद अपना आखिरी भाषण दिया
वैसे योगी इतने 'वज़नदार' शख्सियत हैं कि उनको बैलेंस करने के चक्कर में बीजेपी को उत्तर प्रदेश 2 डिप्टी सीएम बनाने पड़े। इस पर मुझे विशाल भारद्वाज की चर्चित फ़िल्म 'मकबूल' में नसीरुद्दीन शाह और ओमपुरी की जोड़ी का वो डायलॉग याद आ रहा है- "शक्ति का संतुलन बना रहना चाहिए।"

मुझे तो बेचारे मनोज सिन्हा जी पर बड़ा तरस आ रहा है। बीते शनिवार को बनारस में मंदिर-मंदिर हो आए और यूपी का मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए। उसी दिन योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली दौड़ लगाई और मुख्यमंत्री बन गए। यही फर्क है। एक चतुर नेता जानता है कि दिल्ली दौड़ने में कितना फायदा है।
लोकसभा में बतौर सांसद योगी के आखिरी भाषण की लाइव कवरेज   Photo Credits : Ravi Yadav
वैसे मनोज सिन्हा की जगह योगी की ताजपोशी की ख़बर का सबसे ज़्यादा नुकसान टीवी वालों का हुआ। वो समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर स्पेशल प्रोग्रामों का अब वो क्या करें, जो उन्होंने बड़े जतन से मनोज सिन्हा पर एडवांस में बना लिए थे?
एक योगी का गृह प्रवेश! एक योगी का गृह प्रवेश! Reviewed by Manu Panwar on March 21, 2017 Rating: 5

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