मोरनी बागा में क्यूँ नाची आधी रात को?

मनु पंवार
इनसेट में राजस्थान हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज महेश चंद्र शर्मा

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राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस महेश चंद्र शर्मा रिटायरमेंट के दिन केंद्र सरकार से सिफारिश करके गए कि मोर कभी मोरनी के साथ सेक्स नहीं करता। आजीवन ब्रह्मचारी रहता है। इसके जो आंसू आते हैं, मोरनी उसे चुग कर गर्भवती होती है। अगर शर्मा जी की बात सच्ची है, तो फिर हे मी लॉर्ड...! मोरनी बागा में क्यूँ नाची आधी रात को?

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जस्टिस शर्मा जी के फॉर्मूले के हिसाब से तो कुछ भी हो सकता है। ज़रा पता करो, जहां-जहां आंसू गैस छोड़ी गई, कहीं वहां आबादी तो नहीं बढ़ गई?

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जस्टिस शर्मा के मोर वाले ज्ञान के बाद ख़बरदार किसी ने ये गाना गाया तो- ये आंसू मेरे दिल की ज़ुबान हैं..

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मोर पर जस्टिस शर्मा ने जो ज्ञान दिया है उसके बाद यह मुहावरा बदलना पड़ेगा कि जंगल में मोर नाचा किसने देखा।...किसने देखा क्या मतलब भाई..? जस्टिस शर्मा जी ने देखा और क्या...!!!

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वैसे कमाल की बात देखिए। बांग्लादेश में 'मोरा' तूफान ने कहर बरपाया और भारत में जस्टिस शर्मा के 'मोर' ने...

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वैसे मोटी-मोटी कानूनी किताबों, भारी-भरकम धाराओं-उपधाराओं के बीच भारतीय न्याय व्यवस्था में मोर-मोरनी का हास्य रस पैदा करने के लिए शुक्रिया जस्टिस शर्मा.

मोरनी बागा में क्यूँ नाची आधी रात को? मोरनी बागा में क्यूँ नाची आधी रात को? Reviewed by Manu Panwar on June 01, 2017 Rating: 5

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