कोहली से 'अच्छा चेज़' करते गोरक्षक!
मनु पंवार
लंदन के ओवल मैदान में चैम्पियन्स ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया पाकिस्तान के खिलाफ 'चेज़' करते हुए हार गई। मुझे तो लगता है जी कि कोहली की टीम से 'अच्छा चेज़' तो अपने गोरक्षक ही कर लेते हैं. वैसे मैच से पहले सोशल मीडिया पर लोगों ने रायता फैला दिया था कि आज (18 जून को) तो 'फादर्स डे' है और इंडिया पाकिस्तान का फादर हुआ, इस नाते 'बेटा' मुकाबले में 'बाप' से हार जाएगा। मगर जब फाइनल का नतीजा आया तो कल का Sunday असल में 'Son'Day साबित हुआ।
मुझे तो तरस अपने मीडियावालों पर भी आ रहा है। फाइनल मैच से पहले हम सबने जमकर पाकिस्तानी क्रिकेटरों का मज़ाक उड़ाया कि उन बंदों को तो अंग्रेजी नहीं आती। लेकिन मैच के रिजल्ट से साबित हो गया कि अंग्रेज़ी भले ही न आती है, उनको इत्ता बड़ा मैच जीतने का हुनर जरूर आता है। मैच भी ऐसा हुआ कि अपना कोई भी सूरमा नहीं चला। न कोहली, न शर्मा, न धवन, न युवी, न धोनी। पाकिस्तान वालों ने कुलभूषण जाधव को नहीं छोड़ा, तो भला केदार जाधव की क्या बिसात थी।
मुझे तो तरस अपने मीडियावालों पर भी आ रहा है। फाइनल मैच से पहले हम सबने जमकर पाकिस्तानी क्रिकेटरों का मज़ाक उड़ाया कि उन बंदों को तो अंग्रेजी नहीं आती। लेकिन मैच के रिजल्ट से साबित हो गया कि अंग्रेज़ी भले ही न आती है, उनको इत्ता बड़ा मैच जीतने का हुनर जरूर आता है। मैच भी ऐसा हुआ कि अपना कोई भी सूरमा नहीं चला। न कोहली, न शर्मा, न धवन, न युवी, न धोनी। पाकिस्तान वालों ने कुलभूषण जाधव को नहीं छोड़ा, तो भला केदार जाधव की क्या बिसात थी।
हिंदुस्तान-पाकिस्तान का क्रिकेट मुकाबला है ही ऐसा कि इमोशंस उबाल पर हो जाते हैं। वो तो गनीमत है कि क्रिकेट में पाकिस्तान के खिलाफ हुई फजीहत का सारा गुस्सा अपने लौंडों ने हॉकी में निकाल दिया। वरना हमारे भीतर की ज्वाला को शांत कौन करता? मगर कश्मीर के इन अलगाववादियों की हिमाकत तो देखो। हमारी हार पर लगे जश्न मनाने। एक तो मुझे इन मीर वाइज उमर फारूक के नाम से ही बड़ी दिक्कत हो जाती है। मीर वाइज उमर फारूक। बताइए...चार नाम एक ही बंदा रख लेगा तो भई दूसरों के लिए नामों की कमी न पड़ जाएगी..? सोचने वाली बात है।
चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच से एक बात और साबित हो गई और वो ये कि दुनिया में निठल्लों की तादाद बढ रही है। असल में आईसीसी ने मैच से पहले अनुमान लगाया कि फाइनल मैच को करीब 35 करोड़ लोग देखेंगे। याद रखिए 35 करोड़...! इत्ते सारे लोग एक ही दिन पर आठ-दस घंटे सिर्फ मैच देखने में गुजार देंगे, तो उनसे बढ़कर निठल्ले कौन होंगे भला?
चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच से एक बात और साबित हो गई और वो ये कि दुनिया में निठल्लों की तादाद बढ रही है। असल में आईसीसी ने मैच से पहले अनुमान लगाया कि फाइनल मैच को करीब 35 करोड़ लोग देखेंगे। याद रखिए 35 करोड़...! इत्ते सारे लोग एक ही दिन पर आठ-दस घंटे सिर्फ मैच देखने में गुजार देंगे, तो उनसे बढ़कर निठल्ले कौन होंगे भला?
कोहली से 'अच्छा चेज़' करते गोरक्षक!
Reviewed by Manu Panwar
on
June 19, 2017
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