दिवाली की फुलझड़ियां

मनु पंवार
दिल्ली में दिवाली की अगली सुबह.  फोटो: ANI
(1)
ये जो तुमने पटाखों से दिल्ली को धुआं-धुआं कर दिया है न, तुमको मातारानी माफ नहीं करेगी.

(2)
चलो ठीक है. तुमने पिछले साल के बचे हुए सारे पटाखे इस बार खुंदक में फोड़ लिए. अब ये बताओ, अगले साल क्या फोड़ोगे बे?

(3)
वो सोन पापडी के डिब्बे पकड़ाने आएंगे, तुम काजू कतली वाली बर्फी पे अडे रहना.

(4)
व्हाट्सऐप भी भर गया, फेसबुक का मैसेंजर भी लबालब है, कुछ एसएमएस भी आए हैं. अब सोच रहा हूं कि दिवाली के इन बधाई संदेशों का जवाब देने के लिए एक लडका रख दूं.

(5)
दिवाली पे ज्यादा मिठाई के डिब्बे घर पे आना भी एक मुसीबत है. अब किस पड़ोसी को किसका लाया हुआ डिब्बा चिपकाऊं, ये समझ ना आ रा.
दिवाली की फुलझड़ियां दिवाली की फुलझड़ियां Reviewed by Manu Panwar on October 20, 2017 Rating: 5

No comments