सीडी ही क्यों आती, डीवीडी या पेन ड्राइव क्यों नहीं?
मनु पंवार
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इस सीडी में हार्दिक पटेल के होने का दावा किया जा रहा है फोटो सौ. - इंटरनेट |
चेला- हे गुरुवर, ये सीडी क्या चीज़ है?
गुरु-
बेटा, सीडी एक तरह का चक्का है। जिसके चक्कर में बड़ी-बड़ी हस्तियां
बर्बाद हो जाती हैं। इसकी कई मिसालें हैं। इसके ताज़ा शिकार पाटीदार नेता हार्दिक पटेल हुए हैं।
चेला- गुरु जी...! सीडी कब-कब जारी होती है? अर्थात् इसके लिए क्या कोई ख़ास मुहूर्त होता है?
गुरु
- बेटा, राजनीति में जब-जब शत्रुपक्ष हावी होता दिखता है, तो अक्सर सीडी
जारी हो जाया करती है। इसके अलावा जब-जब सरकारें संकट में घिरती हैं, तो
सीडी के रिलीज़ होने के लिए मौसम ज़्यादा अनुकूल हो जाता है।
चेला- हे गुरुश्रेष्ठ..! सीडी को कौन जारी करता है?
गुरु-
बेटा, इसका अक्सर प्रोड्यूसर अदृश्य होता है, लेकिन बॉलीवुड की फ़िल्म
‘मिस्टर इंडिया’ के नायक की तरह आप उसे एक खास चश्मे से देख सकते हैं। कई
बार सीडी ऐसे लोग भी जारी कर डालते हैं जो आते तो सियासत की ‘एबीसीडी’
सीखने हैं, लेकिन सिर्फ ‘सीडी’ के बारे में ही जान और सीख पाते हैं।
चेला- गुरुवर, सीडी के फायदे क्या हैं?
गुरु- बेटा, राजनीति में सीडी आत्मसुख की सबसे बेहतर दवा मानी जाती है। सीडी जारी करके आप विरोधियों का जीना हराम कर सकते हैं।
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सीडी सामने आने के बाद हार्दिक पटेल का ट्वीट |
चेला- लेकिन गुरुवर, राजनीति में सीडी ही जारी क्यों होती है? डीवीडी, पेन ड्राइव इत्यादि क्यों जारी नहीं होती, जबकि टेक्नॉलजी कित्ती तरक्की कर चुकी है।
गुरु-
वत्स, राजनीति का अपने समय की पॉप्युलर चीज़ों पर ज़्यादा यकीन होता है। फिर डीवीडी, पेन ड्राइव रिलीज़ करना अपेक्षाकृत ज़्यादा खर्चीला काम है।
चेला- हे गुरुश्रेष्ठ! सीडी का मूल्य क्या होता है?
गुरु-
वत्स, सीडी आम तौर पर मार्केट में सस्ती दरों पर उपलब्ध हो जाया करती है।
लेकिन जब सीडी के भीतर कुछ खास तरह के राजनीतिक और चारित्रिक तत्व समाहित
हों अर्थात् उसे किसी ख़ास मकसद से तैयार और जारी किया जा रहा हो, तो सीडी
अनमोल हो जाती है। वह उस दौरान दुर्लभ चीजों की श्रेणी में आ जाती है।
सीडी ही क्यों आती, डीवीडी या पेन ड्राइव क्यों नहीं?
Reviewed by Manu Panwar
on
November 14, 2017
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