जेएनयू का प्राचीन नाम जनेऊ था!
मनु पंवार
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राहुल की जनेऊ वाली ये तस्वीरें कांग्रेस ने जारी कींं |
हिंदूवादियों को कांग्रेस का शुक्रगुज़ार होना चाहिए जिसकी वजह से जनेऊ सार्वजनिक विमर्श का मुद्दा बन गया. जैसे ही बीजेपी वालों ने राहुल गांधी के हिंदू होने पर सवाल उठाए, कांग्रेसवालों ने राहुल गांधी की जनेऊ वाली पुरानी तस्वीरें जारी कर डालीं. लेकिन हम तो तब तक नहीं मानेंगे जब तक जनेऊ को आधार से लिंक न किया जाए.
वैसे चुनाव जो न कराए, वो कम है. जरा चेक करना पड़ेगा कि कहीं नास्त्रेदमस ने भविष्यवाणी तो नहीं की थी कि भारत नामक देश में 21वीं सदी के दूसरे दशक में इत्ता विकास हो जाएगा...इत्ता विकास हो जाएगा कि सारे मुद्दे ही खत्म हो जाएंगे. फिर, जनेऊ पर चुनाव लडा जाएगा. ये चुनाव ही है, जिसने राहुल गांधी के दादा फिरोज़ गांधी को मुसलमान बना दिया. शायद (राजनीति) शास्त्रों में यही लिखा है कि पारसी को मुसलमान बनाने में सिर्फ एक चुनाव की देर लगती है.
वैसे जनेऊ के फायदे भी बड़े हैं. हमने तो ऐसे कई बंदे देखे हैं जो जनेऊ का इस्तेमाल पीठ की खुजली दूर करने के लिए करते थे. जनेऊ से पीठ रगड़ लेते हैं जी. इसके अलावा जनेऊ की वजह से बंदे की पहचान भी तुरंत हो जाती है. खासकर मूत्रालय में जब कोई बंदा पेशाब करते वक्त जनेऊ को कमर से खींचके कान पे टांग देता है...तो आसपास के बंदों को पता चल जाता है कि पेशाब करने वाला बंदा किस मज़हब या किस जाति का है.
मुझे तो डर है कि इस बहस में कहीं कोई विकट इतिहासकार ये न कह डाले कि जेएनयू का प्राचीन नाम जनेऊ था और कुछ देशद्रोही टाइप बंदों ने साजिशन इसे अपभ्रंश करके जेएनयू कर दिया. ऐसा ही चलता रहा तो कल कहीं ये नौबत न आ जाए जब सीबीआई, आईबी, एलआईयू, ईडी जैसी एजेंसियां आपके कपड़़े उतारने लगेंगी और पूछेंगी- चल बे ! अपना जनेऊ दिखा. अगर आपकी कमर में जनेऊ बरामद नहीं हुआ, तो हो सकता है वो आपको धर दबोचें. फिर कहीं ऐसा न हो कि आपके धर्म से ही बर्खास्त होने की नौबत आ जाए.
जेएनयू का प्राचीन नाम जनेऊ था!
Reviewed by Manu Panwar
on
November 30, 2017
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