मनु पंवार
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CBSE की परीक्षा का पेपर 2 बार लीक हुआ फोटो : इंडिया टीवी की रिपोर्ट का ग्रैब |
वो
घणे 'लीक'वादी आदमी हैं. जब भी चलते हैं, लीक पर ही चलते हैं. बिना लीक के
चलना उन्हें गवारा नहीं और लीक तोड़ने वाले बंदों से उनकी चिढ़ जगजाहिर है. वो लीक को
हर वक्त अपनी जेब में लिए फिरते हैं. उनसे कोई जिरह करो तो सामने वाले के
मुंह पर तपाक से एक-आध लीक मार देते हैं. इस तरह लीक और उनका चोली-दामन टाइप
रिश्ता बन गया. लोगों ने उन्हें 'लीक पुरुष', 'लीक शिरोमणि', 'लीक नरेश'
जैसी उपाधियों से भी नवाज दिया. ये उपाधियां 'विकीलीक्स' से भी आगे की हैं.
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साभार: इंडियन एक्सप्रेस में उन्नी का कार्टून |
इससे हुआ ये कि लीक पर चलते रहने की उनकी जिद के चलते
सिस्टम में लीकेज बढ़ने लगी. पहले डेटा लीक हुए, फिर डेट लीक हो गई और अब
तो इम्तिहान का पेपर भी लीक हो गया. इत्ती लीकेज के बाद ज़माने को इस बात
का अहसास हुआ कि आखिर लीक पर चलने के लिए कित्ता जिगर चाहिए. वरना तो लीक के लिए महीन-महीन छिद्र चाहिए होते हैं. सोचिए, जो बंदा उन महीन छिद्रों से रिसने वाली लीक पर चलता हो, वो कित्ता बड़ा हुनरमंद होगा ! इससे एक नई फिलॉसफी भी निकली और वो ये कि जो बंदे 'लीक' पर नहीं चल पाते, वही लीक करते हैं.
अब तो सिस्टम में इत्ती लीकेज हो गई है कि बंदा अब लीक पर चलने से भी
कतराएगा.
इसलिए मैं इस मार्क जकरबर्गवा की कड़ी निंदा करता हूं. इसी के चक्कर में
लीकेज बढ़ी है. बताइए, फेसबुक यूजर्स का डेटा भी लीक करवा दिया. हमारी भारत
सरकार से कुछ सीखते.
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BJP की IT सेल के हेड का ये ट्वीट चुनाव घोषणा के 15 मिनट पहले आया |
हमारी सरकार बहादुर का दावा है कि उसने 'आधार' का
डेटा 13 फीट ऊंची और 5 फुट मोटी दीवार के पीछे सलामत रक्खा है. लीक का सवाल
ही नहीं है. बताइए, डिजिटल इंडिया में डेटा दीवारों के पीछे रक्खा जाता
है, इस पर ठहाके मारने का मन कर रहा है. लेकिन जाने दो, सरकार कह रही है तो सही
कह रही होगी. मुझे तो बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय से पूरी
हमदर्दी है. बंदे ने इलेक्शन की डेट लीक करके कुछ घंटे के लिए पर अपनी ही
सरकार की हवा लीक करवा दी थी.
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