राफेल..रायता और फ्रेंच किस !
मनु पंवार
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राजेंद्र धोड़पकर का कार्टून 'सत्याग्रह' से साभार |
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान से राफेल ने भीषण रायता फैला दिया है। ऐसे में अब सरकार को अनिल अंबानी की और अनिल अंबानी को सरकार की 'रक्षा' तो करनी ही पड़ेगी।
अरे भई ये सौदा ही 'डिफेन्स' का है। इसलिए डिफेंड करना मज़बूरी है। वैसे इस पूरे विवाद से एक बात तो साबित हो ही गई है। उस राफेल की 'मारक क्षमता' बड़ी तगड़ी हैग्गी। कभी-कभी ऐसा लगता है कि पुष्पक विमान के बाद ये एक और मायावी विमान आया है, जिसने अपनी ताकतवर सरकार बहादुर को भी हिला दिया।
इस बीच कुछ खुराफ़ाती सूत्रों से पता चला है कि ओलांद के ठिकानों पर सीबीआई और
ईडी के छापे पड़े हैं। उसके घर से भोजपुरी में लिखी तीन चिट्ठियां भी बरामद
हुई हैं। सारी जांच एजेंसियां अब उन चिट्ठियों का मजमून पढ़ रही हैं। कहीं उनमें 'प्रधानमंत्री की हत्या' जैसी कोई साजिश न छिपी हो।
वास्तव में बड़ा वाला रायता फैल गया है। बल्कि मैं तो कहता हूं कि जब तक फ्रांस के साथ ये राफ़ेल वाला लफड़ा चल रहा है, तब तक अपन को देश में फ्रेंच बीन्स, फ्रेंच फ्राइज, फ्रेंचकट दाढ़ी और फ्रेंच किस पे भी पाबंदी लगा देनी चइये। और तो और, सरकार को फ्रेंचाइजी पर भी तत्काल रोक लगा देनी चाहिए। हां, फ्रेंची के बहिष्कार के बारे में फैसला लोगों के विवेक पर छोड देना चाहिए क्योंकि ये 'अंदर' की बात है।
राफेल..रायता और फ्रेंच किस !
Reviewed by Manu Panwar
on
September 23, 2018
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