मंगलवार के व्रत जैसी भारत-पाकिस्तान क्रिकेट !
मनु पंवार
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तस्वीर सौजन्य : www.sportskeeda.com |
ये हमारे विरोधाभासों की एक मिसाल भर है. हमें हिंदी फ़िल्मों में पाकिस्तानी कलाकार बर्दाश्त नहीं, लेकिन टीवी पर पाकिस्तान के मेहमानों को बुलाने पर किसी को कोई ऐतराज़ नहीं. हम पाकिस्तान के साथ सब कुछ बंद करने पर आमादा हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच श्रीनगर से मुजफ़्फ़राबाद के बीच 'कारवां-ए-अमन' बस बदस्तूर चल रही है. अमृतसर-ननकाना साहिब के बीच 'दोस्ती' बस भी चलती रही है. और तो और, कारोबार भी बेरोकटोक चल रहा है. चक दा बाघ नाम की जगह से एलओसी पार करके हमारे ट्रक सामान लेकर पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर में जा रहे हैं और उधर से भी ट्रक सामान लेकर हमारे यहां पहुंच रहे हैं. यानी धंधे में कोई लोचा नहीं है.
लेकिन सबसे कमाल का विरोधाभास है क्रिकेट में. मतलब बात कुछ ऐसी है कि भारत-पाकिस्तान के बीच खेल हो सकता है, मेल नहीं हो सकता.
मंगलवार के व्रत जैसी भारत-पाकिस्तान क्रिकेट !
Reviewed by Manu Panwar
on
September 19, 2018
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