मोदीजी की वो 'जनता' कौन सी है?
मनु पंवार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए साल के पहले दिन न्यूज़ एजेंसी ANI को दिए अपने 95 मिनट लंबे इंटरव्यू के दौरान एक अहम बात कही. बोले कि- '2019 का चुनाव जनता वर्सेज गठबंधन होने वाला है.' लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वो कौन सा गठबंधन होगा जिससे जनता भिड़ने वाली है. और वो कौन सी 'जनता' होगी जोकि गठबंधन से भिड़ेगी?
क्योंकि जिस एनडीए या राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की अगुआई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं, वो आज अपने आप में 34 पार्टियों का गठबंधन है. जिसमें से 9 पार्टियां केंद्र में और 25 पार्टियां राज्यों में बीजेपी की सहयोगी हैं. एक तरह से इसे महागठबंधन भी कह सकते हैं, जिसमें बीजेपी सबसे बड़ा दल है. लेकिन सत्ताधारी दल के प्रचार तंत्र की कलाकारी देखिए कि इतना विशाल गठबंधन होने के बावजूद यह राजनीतिक विमर्श की मुख्यधारा का हिस्सा नहीं बन पाया है. गठबंधन के नाम पर टारगेट सिर्फ विपक्ष है.
पहले इसी एनडीए की बात कर लेते हैं. साल 2014 से लेकर 2019 के बीच एनडीए का कुनबा बढ़ा ही है. 2014 में बीजेपी के साथ एनडीए में 23 दल शामिल थे. उसे मिले वोटों का प्रतिशत 38.5% था. यानी 2014 के चुनाव में जो कुल वोट पड़े उसमें से 38.5% वोट एनडीए वाले गठबंधन को मिले. इस गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को अकेले 31% मिले थे और उसे कुल 282 सीटें हासिल हुई थी.
क्योंकि जिस एनडीए या राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की अगुआई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं, वो आज अपने आप में 34 पार्टियों का गठबंधन है. जिसमें से 9 पार्टियां केंद्र में और 25 पार्टियां राज्यों में बीजेपी की सहयोगी हैं. एक तरह से इसे महागठबंधन भी कह सकते हैं, जिसमें बीजेपी सबसे बड़ा दल है. लेकिन सत्ताधारी दल के प्रचार तंत्र की कलाकारी देखिए कि इतना विशाल गठबंधन होने के बावजूद यह राजनीतिक विमर्श की मुख्यधारा का हिस्सा नहीं बन पाया है. गठबंधन के नाम पर टारगेट सिर्फ विपक्ष है.
एनडीए में बीजेपी के सहयोगी दलों की सूची |
इन पांच सालों में एनडीए से कुछ पार्टियां छिटकी भी हैं. जैसे हाल में असम में असम गण परिषद, बिहार में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी यानी आरएलएसपी और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा यानी 'हम', आंध्नार में यडू की टीडीपी, पश्चिम बंगाल में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा एनडीए से दूर चली गई. लेकिन इस दौरान एनडीए में पार्टियां और जुड़ी भी हैं. इनमें शामिल हैं- शिव संग्राम, जना सेना पार्टी, मणिपुर पीपल्स पार्टी, केरला कांग्रेस (थॉमस), केरल विकास कांग्रेस, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट, मणिपुर डेमोक्रेटिक पीपल्स फ्रंट आदि.
पीएम के इंटरव्यू के बाद 2 जनवरी को 'हिंदुस्तान' की लीड |
2014 में तो यूपीए केवल 13 दलों का गठबंधन था और उसे मिले थे करीब 24 % वोट. जिसमें से अकेले कांग्रेस का वोट था 19.3 प्रतिशत. लेकिन यूपीए में एनडीए के मुकाबले इतने कम दल हैं कि उसे महागठबंधन कहना महागठबंधन की बेइज्जती टाइप होगा. कहां 34 दल और कहां 16 दल ! कोई तुलना ही नहीं है जी. तो जैसी लोकतंत्र की रीत है,संख्याबल के हिसाब से एनडीए इस समय का सबसे बड़ा गठबंधन होना चाहिए. (बीजेपी के नेता संसद में अक्सर संख्याबल की धौंस दिखाते रहे हैं.) तो क्या मोदीजी जिस गठबंधन के खिलाफ जनता को भिड़ाने जा रहे हैं वो एनडीए है? और वो 'जनता' कौन है, जिसका हवाला मोदीजी ने दिया है?
उस 'जनता' को समझने के लिए आपको भारत निर्वाचन आयोग के 2014 के आम चुनाव के आंकड़े फिर से देखने होंगे. निर्वाचन आयोग का रेकॉर्ड बता रहा है कि 2014 के उस बहुचर्चित आम चुनाव में कुल 55 करोड़ से ज्यादा वोटरों ने वोट दिया. सही-सही आंकड़ा बताऊं तो 55,38,01,801 वोटरों ने वोट डाला.
अगर ये 55 करोड़ वोटर ही मोदीजी की 'जनता' हैं तो उस जनता की पसंद वो सरकार नहीं है जोकि आज राज कर रही है. इसे समझने के लिए वोटिंग के आंकड़ों को कुछ और खोलते हैं. साल 2014 में कुल 55 करोड़ में से 21 करोड़ से ज्यादा 'जनता' ने मोदीजी के गठबंधन एनडीए को वोट दिया. 13 करोड़ से ज्यादा 'जनता' ने यूपीए गठबंधन को अपना मत दिया. लेकिन उस 'जनता' का एक बड़ा हिस्सा ऐसा था जिसने न बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को वोट दिया और न ही कांग्रेस वाले गठबंधन को. ऐसी 'जनता' संख्या में कोई कम नहीं है. करीब 21 करोड़ वोटर हैं. यानी करीब-करीब उतने ही वोटर जितनों ने मोदीजी के एनडीए के वोट दिया.
2 जनवरी 2019 को द टेलीग्राफ का मुखपृष्ठ |
मोदीजी के बयान ने बड़ा कनफ्यूज़न पैदा कर दिया है जी. ऐसी सिचुएशन में फिलहाल तो मुझे जर्मन कवि बर्तोल ब्रेख्त की कविता याद आ रही है-
'जनता ने सरकार का विश्वास खो दिया है
और अब दुगने प्रयत्नों से ही
उसे पा सकती है।
ऐसी हालत में
क्या सरकार के लिए ज्यादा आसान नहीं होगा
कि वह इस जनता को भंग कर दे
और दूसरी चुन ले ?'
मोदीजी की वो 'जनता' कौन सी है?
Reviewed by Manu Panwar
on
January 02, 2019
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