इमरान की मोदी से अपील- इंडिया से और बंदे पाकिस्तान न भेजें, हमारे यहां जगह फुल हो गई है

मनु पंवार

( डिस्क्लेमर :  भारत-पाकिस्तान के मौजूदा विवाद के बीच यह सिर्फ़ एक हल्का-फुल्का व्यंग्य है. इसे दिल पर न लें)

साभार : सतीश आचार्य का कार्टून उनके ट्विटर हैंडल से
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की भले ही बैंड बजी हो, लेकिन ख़बर है कि पिछले पांच सालों के दौरान वहां रियल एस्टेट सेक्टर में ज़बर्दस्त उछाल देखने को मिला है. खुराफाती सूत्रों के मुताबिक, इसकी वजह न इमरान ख़ान की सरकार की नीतियां हैं और न ही इसमें उनके पूर्ववर्ती नवाज शरीफ़ का हाथ है. इसकी असल वजह इंडिया है. इस बात से कोई भी चौंक सकता है कि पाकिस्तान में प्रॉपर्टी में उछाल की वजह भला भारत कैसे हो सकता है? 
माना जा रहा है कि पिछले पांच साल से चल रहे अखिल भारतीय 'पाकिस्तान चले जाओ' कार्यक्रम की वजह से पाकिस्तान में प्रॉपर्टी के धंधा चमक उठा है. भारत में राजनीतिक/ वैचारिक विरोधियों, सरकार के आलोचकों, सेकुलर जमात और उदारवादियों को पाकिस्तान भेजने की होड़ मची हुई है. हर दूसरे दिन कोई न कोई बंदा किसी न किसी को पाकिस्तान भेज रहा है. जिसने भी सरकार पर सवाल उठाए, उससे असहमति जताई या उसकी आलोचना की, उसकी फौरन पाकिस्तान की टिकट कटा ली जाती है. 'पाकिस्तान चले जाओ'  नाम के इस अखिल भारतीय कार्यक्रम से जुड़े बंदे इस कदर 'सेंटी' हो गए कि सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर जैसी नामचीन हस्तियों का भी पाकिस्तान का टिकट कटाने लगे. 


इसका साइड इफेक्ट हिंदुस्तान से ज़्यादा पाकिस्तान में हुआ. वहां प्रॉपर्टी का धंधा चढ़ तो गया, लेकिन उस पर अचानक प्रेशर भी आ गया. इत्ते बंदों को कहां जो खपाएं !  आलम ये है कि दिल्ली-एनसीआर में भले ही लाखों फ्लैट खाली पड़े हों, लेकिन सुना है कि पाकिस्तान में सारे बिल्डरों के फ्लैट फुल हो गए हैं. उधर डिमांड से ज्यादा सप्लाई आ गई है. लोग खपाए नहीं खप रहे हैं. पाकिस्तान वालों को इंडिया वालों से शिकायत ये है कि उन्हें पहले सूचित किया जाना चाहिए था कि कुल कित्ते बंदों को पाकिस्तान भेजा जाना है. उससे तैयारी करने में आसानी होती. लाहौर, कराची, रावलपिंडी इत्यादि शहरों में झुग्गियां गिराकर वहां बहुमंजिला आवासीय कॉलोनियां खड़ी कर दी जाती.
इधर, भारत-पाकिस्तान के मौजूदा टेंशन के बीच इस अभियान ने फिर ज़ोर पकड़ लिया है. जो भी बंदे सरकार से सवाल पूछ रहे हैं या युद्ध के ख़िलाफ़ लिख और कह रहे हैं, ऐसे सभी लोगों को पाकिस्तान भेजे जाने के बन्दोबस्त हो रहे हैं. बस यही कोरस गूंज रहा है- पाकिस्तान चले जाओ.

साभार: बीबीसी में शून्य का कार्टून
समाचार एजेंसी एएनआई से लेकर टीवी न्यूज़ चैनलों के कैमरों की फॉरेंसिक जांच और अख़बारों की कतरनों से पता चला है कि इंडिया से सबसे ज़्यादा बंदे मोदी सरकार के बयानवीर मंत्री गिरिराज सिंह ने पाकिस्तान भिजवाए हैं. पता तो ये भी चला है कि उनके इस ट्रैक रिकॉर्ड से उत्साहित होकर पाकिस्तान के बिल्डर गिरिराज सिंह को  इंसेन्टिव देने का भी प्लान कर रहे थे.

इस दौरान एक समय वो भी आया जब 'पाकिस्तान चले जाओ' कार्यक्रम को एक बड़ा झटका लगा. ये क़रीब तीन साल पहले तब हुआ जब प्रधानमंत्री बग़ैर किसी को बताए खुद पाकिस्तान ही चले गए. लाहौर में वो नवाज शरीफ से मिले. इस बहाने उनकी मां के लिए कुछ गिफ्ट-विफ्ट भी दे आए. अब दोस्ती में इतना तो बनता ही था. लेकिन प्रधानमंत्री के इस 'पीस जेस्चर' से अखिल भारतीय पाकिस्तान चले जाओ कार्यक्रम की छवि और इसके बुनियादी उद्देश्यों पर विपरीत असर पड़ा.
अचानक लाहौर पहुंचे पीएम मोदी ने ये ट्वीट किया था
मार्केट ख़राब हो गई. उसके बाद इस कार्यक्रम में कुछ दिनों तक मंदी सी आ गई थी. बात-बात पे पाकिस्तान चले जाओ कहने वालों को जवाब देते नहीं बन रहा था. वो तो बाद में बहुत मंथन हुआ. तब जाकर इस अप्रत्याशित  घटना को यह कहकर रफा-दफा करने की कोशिश हुई कि 'पाकिस्तान चले जाओ' प्रोजेक्ट का जायजा लेने के लिए ही पंत प्रधान पाकिस्तान पहुंचे थे. तब जाकर 'पाकिस्तान चले जाओ' अभियान के निवेशकों में भरोसा लौटा. वरना इसकी कामयाबी पर संदेह पैदा होने लगा था.


लेकिन एक नई मुसीबत पाकिस्तान में खड़ी हो गई है. वहां के बिल्डर तौबा-तौबा करने लगे हैं. पाकिस्तान में इकॉनमी की हालत इस कदर बिगड़ गई है कि इमरान ख़ान की सरकार फिलहाल नई हाउसिंग स्कीम लॉन्च करने की स्थिति में नहीं है. बताते हैं कि बिल्डरों के हाथ खड़े करने के बाद इमरान ख़ान ने प्रधानमंत्री मोदी को व्हाट्सऐप पर अपील भेजी है.

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व्हाट्सऐप पर इसलिए क्योंकि खुद इमरान ख़ान ने पाकिस्तान की संसद में बताया कि उन्होंने मोदीजी से फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई। सूत्र बताते हैं कि इमरान ख़ान ने व्हाट्सऐप से भेजी अपनी अपील में मोदीजी से गुजारिश की है कि कृपया करके इंडिया से अब और बंदों को पाकिस्तान न भिजवाएं, यहां जगह फुल हो गई है. 

गिरिराज ने विरोधियों को धमकी दी और उसी में खुद फंस गए
लेकिन इस बीच, पाकिस्तान चले जाओ कार्यक्रम के ब्रैंड अंबेसडर गिरिराज सिंह के साथ एक मासूम सी चूक हो गई. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 3 मार्च की पटना रैली से पहले अपने नंबर बढ़ाने के चक्कर में एक धाकड़ बयान दे डाला. बोले कि जो मोदी की रैली में नहीं आएगा, वो देशद्रोही होगा. उनके इस बयान में भी विरोधियों के लिए पाकिस्तान चले जाओ का साउंड भरपूर था. लेकिन हालात ऐसे बने गिरिराज सिंह खुद रैली में नहीं जा पाए. उन्होंने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी. अब लोग कह रहे हैं कि गिरिराज सिंह को भी पाकिस्तान भेज दो. यह तो वही बात हो गई, मियां की जूती मियां के सिर.

अब इतने बड़े प्रोजेक्ट में कभी-कभी ऐसी छोटी-मोटी गलतियां भी हो जाया करती हैं.

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इमरान की मोदी से अपील- इंडिया से और बंदे पाकिस्तान न भेजें, हमारे यहां जगह फुल हो गई है इमरान की मोदी से अपील- इंडिया से और बंदे पाकिस्तान न भेजें, हमारे यहां जगह फुल हो गई है Reviewed by Manu Panwar on March 05, 2019 Rating: 5

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