मोदीजी ने नई शब्दावली से भावुक कर दिया !
मनु पंवार
पीएम मोदी ने आज यूपी के मेरठ में पहली चुनावी रैली की फोटो सौजन्य : @BJP4India |
मोदीजी ने आज यूपी के मेरठ की चुनावी रैली में सपा, बसपा और आरएलडी को 'शराब' बता दिया. उनके मुताबिक 'स'-से सपा, 'रा'- से आरएलडी और 'ब'- से बसपा. अपनी इस नई व्याख्या पर मुग्ध मोदीजी बोले कि 'अच्छी सेहत के लिए शराब से दूर रहें'. अब आप लाख कहते रहें श्रीमान, वो 'शराब' होती है 'सराब' नहीं. लेकिन होती है तो होवे. इससे मोदीजी को क्या फर्क पड़ता है. कोई तुक हो न हो, उनको तो तुक मिलाना था, मिला दिया.
वैसे मोदीजी इलेक्शन में नई-नई शब्दावली इंट्रोड्यूज करने के उस्ताद रहे हैं. चाहे आप उनकी शब्दावली का मतलब समझने की कोशिश में अपना सिर धुनते रहें, लेकिन उन्होंने जो कह दिया, सो कह दिया. चाहे आपकी सारी पढ़ाई-लिखाई सिर के बल खड़ी हो जावे,
पता नहीं लोगों को याद होगा या नहीं, लेकिन 2014 के आम चुनाव में यूपी में अपने तूफानी प्रचार अभियान के दौरान मोदी जी ने यूपी से 'सबका' को साफ करने की बात कही थी. इस 'सबका' का मतलब वो रैलियों में समझाते थे, 'स' से सपा, 'ब' से बसपा और 'का' से कांग्रेस.
लेकिन जब केंद्र में मोदीजी की सरकार बनी तो खुद उन्होंने नारा दे दिया- 'सबका साथ सबका विकास'. लो कल्लो बात...! चुनाव से पहले जिस 'सबका' का मोदीजी सफाया करवा रहे थे, जीतने के बाद मोदीजी के लिए वो 'सबका' सबका न रहा.
इससे पब्लिक में घणा कनफ्यूजन पैदा हो गया. सत्ता में आकर उसी 'सबका' के मायने बदल दिए, जिसको दुश्मन बताकर वोट झटके थे. तब'सबका' को विलेन बनाया था, उनके ख़िलाफ़ जबर्दस्त प्रहार किए थे, बाद में 'सबका साथ- सबका विकास' की नई टैगलाइन के साथ कल्याण के कोरस चलने लगे.
लेकिन मोदीजी यहीं नहीं रुके. 2017 में यूपी के विधानसभा चुनाव में मोदीजी ने उन्हीं पार्टियों के इर्द-गिर्द एक और जुमला लॉन्च कर दिया. नाम था- 'स्कैम' (SCAM). मोदी जी ने तब इसकी व्याख्या इस तरह की थी- S- मतलब समाजवादी पार्टी, C-मतलब कांग्रेस, A-मतलब अखिलेश यादव और M-मतलब मायावती.
बताइए, जब 'S' से वो समाजवादी पार्टी बता चुके थे तो फिर उसमें अखिलेश का नाम घुसड़ने का क्या तुक था, लेकिन वो नादान हैं, जोकि मोदीजी के कहे में तुक ढूंढते हैं. मोदीजी खुद सवाल हैं, खुद जवाब हैं. मोदीजी मोदीजी हैं बस.
लेकिन मजेदार बात ये है कि जो समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस 2014 में मोदी जी के बनाए 'सबका' वाले गठबंधन में थे, 2017 में उसी 'सबका' गठबंधन से मोदीजी ने सपा, बसपा और कांग्रेस को बाहर निकालकर एक और गठबंधन बना दिया. उसका नया नामकरण कर दिया स्कैम (SCAM). समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, अखिलेश और मायावती.
अब ये मत कहना कि मोदीजी ने कुछ किया नहीं. भई, यूपी में 2014 से लेकर 2019 के बीच तीन बड़े चुनावों के लिए उन्होंने 3 अलग-अलग जुमले तो लॉन्च किए ही. ये क्या कम है? अब आप उनकी 'शराब' को 'स्कैम' और 'सबका' वाली पुरानी बोतल में नई शराब कह सकते हैं. लेकिन इससे मोदीजी को क्या फर्क पड़ता है !
तो मोदीजी के लिए जो राजनीतिक विरोधी 2014 में 'सबका' थे, वो 2017 में 'स्कैम' हो गए. और वही अब 2019 में 'शराब' हो गए. 5 साल में तीन नामकरण !!! सच में मोदी हैं तो मुमकिन हैं.
मोदीजी ने नई शब्दावली से भावुक कर दिया !
Reviewed by Manu Panwar
on
March 28, 2019
Rating:
No comments