'चरण' तो चुनाव आयोग ने बता दिए, 'सिर' कौन बताएगा?
मनु पंवार
यह सार्वभौमिक सत्य है कि इंसानों के दो चरण होते हैं. जानवरों के भी अधिकतम चार चरण होते हैं, लेकिन इस बार हमारे यहां चुनाव के सात चरण होंगे. पिछली बार से दो चरण कम. आज केंद्रीय चुनाव आयोग ने बता दिया कि लोकसभा चुनाव के 7 चरण होंगे. उन्होंने जो कहना था कह दिया अब वोटरों को तय करना है कि 7 चरण वाले इस चुनाव का 'सिर' कहां होगा.
इतना तो तय है कि ये चुनाव बेसिर-पैर का नहीं होगा. क्योंकि पैरों (चरणों) का तो पता खुलासा आज हो ही गया है. इसके साथ ही आज से आदर्श चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है. इसका मतलब ये भी हुआ कि अब किसी भी सांसद महोदय को सरकारी मीटिंगों में किसी एमएलए को जूते मारने की इजाज़त नहीं होगी. शायद इसका अंदाजा यूपी से भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी को पहले ही हो गया था. इसीलिए उन्होंने यूपी के संतकबीरनगर में 3 दिन पहले ही ये काम निबटा दिया. अपनी ही पार्टी के विधायक राकेश सिंह बघेल को उन्हें भरी सभा में जुतिया दिया.
वैसे इस बार चुनावों के चरण कम करके चुनाव आयोग ने कई लोगों का सिर(दर्द) बढ़ा दिया है. बताइए, 40 सीटों वाले बिहार में इस बार 7 चरणों में वोट डाले जाएंगे. इस हिसाब से तो 80 सीटों वाले यूपी में चुनाव के लिए 14 चरणों की ज़रूरत पड़नी थी. लेकिन अरोड़ा साहब ने जो कह दिया सो फाइनल है.
उधर, अरोड़ा साहब ने चुनावों की घोषणा की और इधर, पीएम मोदी से लेकर बीजेपी के बड़े-बड़े नेता ट्वीट पे ट्वीट दागने लगे. राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट घंटों तक खामोश रहा. लगता है ऐन टाइम पे राहुल गांधी का डेटा खत्म हो गया.
'चरण' तो चुनाव आयोग ने बता दिए, 'सिर' कौन बताएगा?
Reviewed by Manu Panwar
on
March 10, 2019
Rating:

No comments