क्या फर्स्ट टाइम वोटर अपने 'विवेक' को 'ओबरॉय' के घर छोड़ आएं?
मनु पंवार
महाराष्ट्र के लातूर की रैली में पीएम फोटो साभार : पीटीआई |
इस बार के चुनाव में करीब 8 करोड़ 40 लाख नए वोटर हैं. मतलब वो युवा जो 18 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं. कानूनी तौर पर वयस्क यानी मेच्योर हो चुके हैं और पहली बार वोट दे रहे हैं. उनके सामने राजनीतिक दलों ने एक से एक ऑफर दिए हैं. वैसे मेच्योर बंदे से उम्मीद की जाती है कि वह अपने विवेक से वोट देगा. लेकिन मोदीजी चाहते हैं कि वो मेच्योर बंदा वोट देने से पहले अपने 'विवेक' को 'ओबरॉय' या 'अग्निहोत्री' के घर छोड़ आए.
महाराष्ट्र के लातूर की चुनावी रैली में मोदीजी ने कहा कि इस चुनाव में पहली बार वोट दे रहा युवा वोटर पुलवामा के नाम वोट दे. मोदीजी की इस 'भावुक' अपील पर फिदा होने का मन कर रहा है. मोदीजी के इस फॉर्मूले के हिसाब से तो दूसरी बार वाला वोटर उरी के नाम वोट देगा. तीसरी बार का वोटर पठानकोट के नाम वोट देगा. चौथी बार का वोटर नगरौटा के शहीदों के नाम पर वोट देगा.
इससे होगा ये कि पांचवीं बार वाला वोटर अगर रोजगार के नाम पर वोट देने की सोचेगा भी तो वो इस काबिल ही नहीं रहेगा. क्योंकि तब तक वो नौकरी के लिए 'ओवर एज' हो चुका होगा. अर्थात् उसकी उम्र निकल चुकी होगी.
क्या समझे? ये मोदीजी का मास्टर स्ट्रोक है बे !
क्या फर्स्ट टाइम वोटर अपने 'विवेक' को 'ओबरॉय' के घर छोड़ आएं?
Reviewed by Manu Panwar
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April 10, 2019
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