...तब तो डायनासोर की तरह कांग्रेस के पैरों के निशान ही मिलेंगे
मनु पंवार
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| मंजुल का कार्टून उनके टि्वटर हैंडल से साभार |
चुनावी हार के बाद राहुल गांधी कोपभवन टाइप मुद्रा में हैं. रामायण के ज़माने में कोपभवन वाली कैकेई के पास सहूलियत यह थी कि उन्हें मनाने के लिए राजा दशरथ थे. लेकिन यहां दिक्कत यह है कि फिलवक़्त राहुल गांधी के पास न कैकेई जैसी 'बारगेनिंग' की स्थिति है, न कांग्रेस के पास कोई दशरथ ही है. इसी चक्कर में मामला फंस गया है.
उड़ती-उड़ती ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस से कई बड़े-बुजुर्गों की छुट्टी करना चाहते हैं लेकिन उन घाघ नेताओं पर उनकी चल नहीं रही. यह 'चलना' ही तो है जिसकी चिंता सीनियर लीडरों को भी है. अगर पार्टी में उनकी हैसियत जाती रही तो उनकी दाल-रोटी कैसे चलेगी? इसलिए एक सुझाव ये है कि रोजगार गारंटी योजना की तर्ज पर कांग्रेस के अंदर भी ऐसे नेताओं के पुनर्वास की एक योजना होनी चाहिए. ताकि पार्टी के पदों से छुट्टी होने के बाद उनके लिए छोटे-मोटे रोजगार का जुगाड़ हो सके. वैसे भी रोजगार गारंटी योजना एक वक़्त में कांग्रेस के लिए लकी रही है.
अब सवाल ये उठ सकता है कि जब कांग्रेस खुद ही बेरोज़गार हो गई है तो भला वो कैसे अपने नेताओं के लिए रोजगार का जुगाड़ करे? वाजिब बात है. लेकिन इसका एक रास्ता है. पता नहीं कितनों को याद होगा कि पिछली दफा दिल्ली विधानसभा के चुनाव में मोदी साहब ने अपनी पार्टी के लिए एक चुनावी नारा उछाला था-'जहां झुग्गी,वहीं मकान.' इसी तर्ज पर कांग्रेस ‘जहां नेता वहीं दुकान’ की स्कीम ला सकती है.
ये स्कीम उन नेताओं के लिए फायदेमंद रहेगी जोकि बरसों से चौबीस-अकबर रोड अर्थात् कांग्रेस मुख्यालय में जमे हुए हैं. एक ही जगह पर कुंडली मारकर बैठने के आदी हो चुके हैं और जिनके लिए बाहरी दुनिया किसी दूसरे ग्रह जैसी है. ‘जहां नेता वहीं दुकान’ की स्कीम से फायदा ये होगा कि नेता पार्टी को अपनी दुकान समझने के बजाय खुद को अलॉट दुकान को जमाने पर फोकस करेंगे. चार रोटी भी कमाएंगे.
वैसे एक रास्ता यह भी है कि भाजपा की तर्ज पर कांग्रेस भी बड़े-बुजुर्ग लीडरों को ठिकाने लगाने के लिए एक मार्गदर्शक मंडल बना डाले. हालांकि इसमें बड़ा रिस्क है. जिन बंदों के मार्गदर्शन से पार्टी अब विलुप्त होने के कगार पर है, अगर उनको फिर वही काम सौंप दिया तो भविष्य में लोग डायनासोर की तरह कांग्रेस के पैरों के निशान ही ढूंढा करेंगे.
...तब तो डायनासोर की तरह कांग्रेस के पैरों के निशान ही मिलेंगे
Reviewed by Manu Panwar
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July 01, 2019
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