मन से माफ करने की कला

मनु पंवार
शहीद करकरे का अपमान करने वाली साध्वी को इनाम

एक होता है माफ करना. दूसरा होता है दिल से माफ करना. लेकिन माफी का एक तीसरा तरीका भी हाल में ईजाद हुआ है और वो है- मन से माफ करना. आखिरी के दोनों तरीकों में एक साम्य है. दोनों के लिए अनूठा कौशल चाहिए, वो इसलिए क्योंकि यह आम माफी नहीं, यह कला है. माफी की कला. इसमें कलाकारी चाहिए.

दिल से माफ करने में हालांकि एक सुविधा यह रहती है कि उसमें प्रमाण देने की ज़रूरत नहीं पड़ती. बन्दे ने दूसरे बन्दे को दिल से माफ किया कि नहीं किया, इसका वही जाने. कोई अगला बन्दा ये चैलेंज नहीं कर सकता कि ज़रा दिल खोल कर चेक कराओ कि आपने दिल से माफ किया कि नहीं किया. लेकिन राजनीति में जब से 'मन से माफ करने' की कला की एंट्री हुई है, उसका प्रकटीकरण ज़रूरी हो गया है. वो इसलिए कि नए-नए प्रोडेक्ट की लॉन्चिंग के बाद उस पर भरोसा जगाने के लिए कई बार ऐसी जुगत करनी ज़रूरी हो जाती है.

मतलब किसी बन्दे ने किसी बन्दे को मन से माफ कर दिया, इसका साक्ष्य देना ही पड़ता है. ऐसी सिचुएशन में बन्दा करे भी तो क्या? लिहाजा विद्वजनों ने इसका रास्ता निकाला. जिसको मन से माफी दी जानी है, उसे सरकार की किसी हाईपावर कमेटी का मेंबर बना दिया जाता है. माफी देने की इस नई कला ने बहुत से नए रास्ते खोल दिए हैं. 

वैसे मन को समझना आसान नहीं है. उसका चरित्र ही कुछ ऐसा होता है कि वो किसी की समझ में नहीं आता. जैसे अपने सलमान खान  'दबंग' फिल्म में कहते पाए गए- "दिल में आता हूं, समझ में नहीं आता". कुछ इसी तरह की दबंग सिचुएशन मन के साथ भी होती है.

फिल्मी गीतों में आपने कई बार सुना होगा- बावरा मन, मनमर्जी आदि-आदि. कबीरदासजी ने मन के इस फेर को बहुत पहले भांप लिया था. उनके एक दोहे में ज़िक्र भी है-

"माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर
कर का मनका डार दे, मन का मनका फेर।"

कबीरदासजी के कहने का मतलब ये है कि बंन्दा लंबे वक्त तक हाथ में लेकर मोती की माला तो घुमाता है, पर उसके मन का भाव नहीं बदलता. उसके मन की हलचल थमती नहीं है. कबीर ने ऐसे बंन्दों को सलाह दी है कि हाथ की इस माला को फेरना छोड़कर मन के मोतियों को बदलो या फेरो.

बताइए, कबीरदास जी ने बड़ा चैलेंज दे दिया. मन का मनका कैसे फेरा जाए? इसीलिए कहता हूं इस मन के चक्कर में पड़ो ही मत. न रहेगा मन, न फिरेगा मनका. लेकिन इसका आशय कतई ये नहीं है कि अगर कोई मन की बात कर रहा है, तो आप उसकी न सुनो.
मन से माफ करने की कला मन से माफ करने की कला Reviewed by Manu Panwar on November 21, 2019 Rating: 5

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